अली अनवर:भारत के राजनेता ( ALI ANWAR,BHARAT KE RAJNETA)
₹200.00 ₹160.00
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Pages: 204
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Year: 2017, 1st Ed.
- ISBN:978-81-933815-4-0
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Binding: paper Back
- (Hardbound: Price: Rs.400, selling Price: Rs.200)
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Language: Hindi
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Publisher: The Marginalised Publication
- Series Editor: Pramod Ranjan
Description
‘भारत के राजनेता’ शीर्षक श्रंखला की यह किताब पसमांदा आंदोलन के पुरोधा और भूतपूर्व राज्य सभा सांसद के संसदीय भाषणों का संग्रह है. एक लम्बे साक्षात्कार के जरिये उनकी जीवन-यात्रा को भी सामने लाया गया है.
जाने-अनजाने मुस्लिम को एक मोनोलिथ, होमोजिनस रूप में लेना सही नहीं है। मुस्लिम भी हिन्दू समाज की तरह ही जातियों, उपजातियों में बंटा हुआ है। इसको अगर आप वोट के हिसाब से लेंगे और जब सब मुसलमान का वोट एक जगह करने की बात करेंगे तब इसका लॉजिकल परिणाम है कि सारे हिन्दू भी एक होने की बात कर सकते हैं, और करते ही है। मैंने देखा है वामपंथी, अम्बेडकरवादी, और गांधीवादी-मुस्लिम को लेकर एक रूमानियत के भाव में होते हैं। इसीलिए इस सवाल को हम जरूरी समझते हैं। पसमांदा तहरीक भी शुरू करने का एक बैकग्राउंड यह भी था। बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद यह तहरीक हमलोग शुरू करते हैं। पुराने तरीके से, मुसलमानों एक हो जाओ, बाबरी मस्जिद एक्सन कमिटी बनती है। सैयद शाहबुद्दीन साहब बिहार से जा कर उसका नेतृत्व करते हैं। और भी दूसरे मुस्लिम धार्मिक नेता वहां जाते हैं। यह सब करने का नतीजा क्या होता है?
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