इसलामपुर की शिक्षा ज्योति- कुंती देवी (ISLAMPUR KI SHIKSHA JYOTI)
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Pages:154
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Year: 2019, 1st Ed.
- ISBN: 978-93-87441-37-8
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Binding: Hard Bound
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Language: Hindi
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Publisher: The Marginalised Publication
Description
कुन्ती देवी की कहानी 1930 के दशक के बाद बन रहे नए भारत की कहानी है। इस भारत को बनाने में जिन लाखों अनाम लोगों का योगदान रहा, उनमें से एक कुन्ती देवी भी हैं। 1924 में बिहार के एक छोटे से गांव में सामाजिक रूप से पिछड़े किसान परिवार में पैदा हुईं कुन्ती देवी ने बालिकाओं की शिक्षा के लिए आजीवन काम किया। 8 वर्ष की अवस्था में ही कुन्ती देवी का विवाह केशव दयाल मेहता से हुआ। विवाह के समय मेहता की उम्र 18 वर्ष की थी। इस दंपत्ति को अपनी शिक्षा के लिए बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।
नए बन रहे भारत को सबसे अधिक आवश्यकता शिक्षा और स्वास्थ्य की थी। अधिसंख्य आबादी इन दोनों चीजों अन्योन्याश्रित चीजों से वंचित थी। निरक्षरता और बीमारियों का बोलबाला था। स्कूल और अस्पताल बहुत कम थे।
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