मनु की विक्षिप्तता के विरुद्ध डा. बीआर अम्बेडकर के विचार (प्रीबुकिंग) (MANU KI VIKSHIPTATA KE VIRUDDH DR AMBEDKAR KE VICHAR
Rs 350.00
7 items sold
-
Pages: 296
-
Year: 2019, 1st Ed.
- ISBN: 978-93-87441-10-1
-
Binding: paper Back
- (Hardbond: Price: Rs.700, selling Price: Rs.350)
-
Language: Hindi
-
Publisher: The Marginalised Publication
Description
मनु की विक्षिप्तता के विरुद्ध (ब्राह्मणवादी पितृसत्ता के खिलाफ डा. बीआर अम्बेडकर के विचार) नामक इस पुस्तक में चयन व प्रस्तुति शर्मिला रेगे का है, जिसका अंग्रेजी से अनुवाद डा. अनुपमा गुप्ता ने किया है. कॉपी संपादन: जया निगम. ‘सावित्रीबाई फुले वैचारिकी सम्मान’ से सम्मानित यह किताब शर्मिला रेगे के चयन और प्रस्तुति के साथ अंग्रेजी में प्रकाशित ‘Madness of Manu’: BR Ambedkar’s writing on Brahmnical Patriarchy का हिन्दी अनुवाद है. इस किताब में प्रस्तुत अपने आलेखों में स्त्रीवादी डा. अम्बेडकर महिलाओं के पक्ष में मील स्तम्भ की तरह दिखायी पड़ते हैं. मनुवाद को वे स्त्री के खिलाफ सबसे बड़े तन्त्र के रूप में व्याख्यायित करते हैं. हर अम्बेडकरवादी और स्त्रीवादी के लिए पठनीय किताब-विभिन्न अनुशासनों में शोध के लिए उपयोगी.
Reviews
There are no reviews yet.